BREAKING NEWS

Wednesday, September 14, 2016

चीन ने दलाई लामा को दौरे की अनुमति देने के मामले में ताइवान को चेताया

बीजिंग: चीन ने आज दलाई लामा को दौरे की अनुमति देने के खिलाफ ताइवान को चेतावनी देते हुए कहा है कि इससे संबंधों पर ‘भारी असर’ पड़ेगा. चीन ने यह चेतावनी इसलिए दी है क्योंकि ताइवान के एक सांसद ने तिब्बत के निर्वासित आध्यात्मिक नेता को स्वशासित द्वीप पर आमंत्रित किया है.


ताइवान पर अपने अधिकार का दावा करने वाले चीन ने ताइपे की नई सरकार के राष्ट्रपति साइ इंग-वेन द्वारा इस यात्रा की अनुमति दिए जाने की शंकाओं के बीच कहा कि वह (चीन) इस तरह के दौरे के सख्त खिलाफ हैं.

चीन के ताइवान मामलों के प्रभारी मा शिआओगुआंगन ने मीडिया को बताया, ताइवान में कुछ बलों का इरादा ‘तिब्बत की आजादी’ की मांग करने वाले अलगाववादियों से सांठ-गांठ करने और व्यवधान पैदा करने का है. इससे ताइवान स्ट्रेट के संबंधों पर गहरा असर पड़ेगा. मा ने कहा, हम दलाई लामा द्वारा किसी भी रूप में किए जाने वाले ताइवान दौरे का कड़ा विरोध करते हैं. चीन दलाई लामा की विभिन्न देशों की यात्राओं का नियमित रूप से विरोध करते हुए कहता है कि वह एक अलगाववादी हैं और चीन को तोड़ने पर तुले हैं.

दलाई लामा को ताइवान के मशहूर गायक और चीन के मुखर आलोचक फ्रेडी लिम ने आमंत्रित किया था. लिम को इस साल ताइवानी संसद में चुना गया और उन्होंने कथित तौर पर पिछले सप्ताह धर्मशाला में दलाई लामा से मुलाकात की थी.

ताइवान और चीन के संबंधों में नियमित रूप से गिरावट आ रही है. पिछले साल पूर्व ताइवानी राष्ट्रपति मा यिंग-जियोउ के नेतृत्व में इन संबंधों में सुधार देखने को मिला था. जियोउ ने पिछले साल सिंगापुर में अपने चीनी समकक्ष शी चिनफिंग से मुलाकात भी की थी. ताइपे की रिपोर्ट के अनुसार, चीन से आने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आई है।

वर्ष 1989 में नोबल शांति पुरस्कार पाने वाले दलाई लामा (81) कम्यूनिस्ट शासन के खिलाफ एक विफल विद्रोह के बाद 1959 में निर्वासन के तहत भारत चले गए थे.

Share this:

Post a Comment

 
Copyright © 2016 - 2017 | 24x7 Samachar Vikas Kumar Raghav