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Sunday, February 12, 2017

अच्‍छे दिन! साल 2018 तक आएगी नौकरियों की बहार, करीब 3 लाख नए केंद्रीय कर्मचारियों की होगी नियुक्ति

नई दिल्‍ली: 2014 के लोकसभा चुनाव के वक्‍त से बीजेपी रोजगार का वादा करती आई है. सरकार बनने के बाद से ही विपक्ष आरोप लगाता रहा है कि मोदी सरकार रोजगर पैदा करने में नाकाम रही है. आकंड़े भी इसकी तस्‍दीक करते दिखते हैं. 8 नवंबर को नोटबंदी के बाद से तो असंगठित क्षेत्रों में भी रोजगार बुरी तरह प्रभावित हुआ. ऐसे में युवाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. अमेरिका में वीजा नीतियों में बदलाव और देश में बढ़ती बेरोजगारी के बीच एक बड़ी खुशखबरी यह है कि अगले साल तक केंद्र सरकार में करीब 2.83 लाख नौकरियां सृजित होने का अनुमान है. वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पिछले हफ्ते पेश 2017-18 के आम बजट में यह अनुमान जताया गया है. बजट दस्तावेज के अनुसार 2018 में केंद्र सरकार के कर्मचारियों की संख्या 35.67 लाख होने का अनुमान है जो 2016 की 32.84 लाख संख्या के मुकाबले 2.83 लाख अधिक है.


गृह मंत्रालय 2018 में अपने कर्मचारियों की संख्या 6,076 बढ़ाकर 24,778 करेगा. अगले साल तक पुलिस विभागों में करीब 1.06 लाख भर्तियां की जाएंगी ताकि इनकी संख्या को बढ़ाकर 11,13,689 तक पहुंचाया जा सके. 2016 के आंकड़ों के अनुसार केंद्र सरकार के तहत विभिन्न पुलिस विभागों में कुल कर्मचारी संख्या 10,07,366 है.

दस्तावेज के अनुसार विदेश मंत्रालय भी अपने कार्यबल में 2109 लोगों की बढ़ोतरी कर सकता है. वर्ष 2016 के आंकड़ों के मुताबिक यह संख्या अभी 9,294 है. इसी प्रकार केंद्र सरकार के नए कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय में भी 2,027 नौकरियां सृजित होने का अनुमान है. 2016 में यह संख्या मात्र 53 थी. इस संबंध में संपर्क किए जाने पर केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्यमंत्री जीतेंद्र सिंह ने कहा कि अतिरिक्त कार्यबल से अधिक जन-केन्द्रित सरकार बनाने में मदद मिलेगी.

उन्होंने कहा, ‘केंद्र सरकार का जोर रोजगार के बजाय युवाओं को अधिक रोजगारपरक बनाने पर है. इसलिए कौशल विकास मंत्रालय का भी गठन किया गया है. यह अधिक युवाओं को उद्यमी बनाएगा और बदलती जरूरतों के हिसाब से उन्हें नौकरी के लिए तैयार करेगा.’ दस्तावेज के अनुसार नागर विमानन मंत्रालय, डाक विभाग, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय समेत केंद्र सरकार के कई विभागों में नौकरियों का सृजन होगा.

Friday, September 16, 2016

जन्मदिन पर मोदी ने तोड़ा प्रोटाेकॉल: 20 से ज्यादा गाड़ियों का काफिला छोड़ एक कार में बैठकर मां का आशीर्वाद लेने पहुंचे

अहमदाबाद: नरेंद्र मोदी अपने 67वें जन्मदिन पर शनिवार सुबह यहां गांधीनगर में मां हीराबेन से मिलने पहुंचे। वे करीब आधा घंटा मां के साथ रहे। इस दौरान पूरे वक्त उनका हाथ थामे रहे। मां के घर वे प्रोटोकॉल तोड़कर अपने लंबे काफिले के बगैर ही पहुंचे। इससे पहले मोदी शुक्रवार रात अहमदाबाद आए। पीएम बनने के बाद वे तीसरी बार मां से मिलने पहुंचे। मुलाकात के बाद मोदी ने ट्वीट किया, ''मां की ममता, मां का आशीर्वाद जीवन जीने की जड़ी-बूटी है।'' बता दें कि दो दिन के गुजरात दौरे में मोदी कई प्रोजेक्ट्स की शुरुआत करेंगे। इसके बाद नवसारी जाकर हैंडिकैप्ड लोगों को हेल्पिंग इक्विपमेंट भी बांटेंगे। करीब आधे घंटे मां के साथ रहे मोदी...


- मोदी की मां उनके भाई पंकज के घर रहती हैं। यहां सुबह सवा सात बजे मोदी एक कार में बैठकर पहुंचे। वे हाफ कुर्ता पहने हुए थे। उनकी मां सोफे पर बैठी थीं।
- आते ही मोदी ने मां के पैर छुए। हीराबेन ने उन्हें हाथ में कुछ दिया।
- इसके बाद माेदी अपनी मां की दाहिनी तरफ बैठ गए। मोदी पूरे वक्त उनका हाथ थामे हुए थे।

प्रोटोकॉल तोड़कर मां से मिलने पहुंचे
- मोदी मां के घर प्रोटोकॉल तोड़कर अपने लंबे काफिले के बगैर ही पहुंचे। बता दें कि वे स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप की सिक्युरिटी में रहते हैं।
- उनके काफिले में आमतौर पर 20 से ज्यादा कारें रहती हैं, जिनमें सिक्युरिटी, पर्सनल स्टाफ से लेकर एम्बुलेंस तक शामिल है।
- न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मोदी इतने बड़े काफिले के बगैर मां से मिलने पहुंचे। वे एक एसयूवी में सवार थे। पूरे रास्ते की नाकेबंदी की गई थी। मोदी की गाड़ी के आगे या पीछे काफिले की कोई कार मौजूद नहीं थी।
- यहां से मोदी राजभवन लौट गए, जहां सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर से उनकी मुलाकात हुई।

सीएम ने किया मोदी का वेलकम
- अहमदाबाद में सीएम विजय रूपाणी समेत कई मंत्रियों और सीनियर बीजेपी लीडर्स ने मोदी का वेलकम किया। बाद में मोदी वहां से गांधीनगर रवाना हो गए।
- अहमदाबाद एयरपोर्ट पर मोदी ने कहा, "16 सितंबर, 2014 को (लोकसभा चुनाव में जीत के बाद) भी मुझे इसी धरती पर आपसे मिलने का मौका मिला था। मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे आज फिर पुराने दोस्तों से मिलने का मौका मिला।"
- "इतनी बड़ी तादाद में आप लोग मुझे आशीर्वाद और बधाई देने आए हैं। आप सभी का दिल से शुक्रिया अदा करता हूं।"
- मोदी दाहोद के लीमखेडा जाएंगे। वहां कडाना हाफेश्वर इरिगेशन प्रोजेक्ट उद्घाटन करने के बाद एक सभा को भी संबोधित करेंगे।
- इस प्रोग्राम के बाद मोदी नवसारी जाएंगे और वहां सामाजिक अधिकारिता शिविर में दिव्यांगों को हेल्पिंग इक्विपमेंट देंगे।
ग्रीटिंग पर मोदी की फोटो और अखबार में पब्लिश स्पीच की कटिंग चिपकाई
- महाराष्ट्र के सांगली के एक सपोर्टर वीरेंद्र हालिंगले ने 17 सितंबर को पीएम के 66वें जन्मदिन पर 66 फीट लंबा ग्रीटिंग भेजा है।
- हालिंगले ने बताया कि पीएम के लिए इस ख़ास ग्रीटिंग को बनाने में उन्हें दो महीने का वक्त लगा।
- तीन रंगों के हेवी ग्रीटिंग को अखबारों में छपी मोदी की तस्वीरों और उनकी देश-विदेश में दी गई स्पीच से जुड़ी खबरों को चिपकाकर तैयार किया गया है।

वाराणसी में भी तैयारियां
- नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में उनका जन्मदिन धूमधाम से मनाने की तैयारियां की गई हैं।
- ऑर्गनाइजर कमेटी के कन्वीनर सुरेश सिंह के मुताबिक, रोहनिया बाजार के रामलीला मैदान में एक बड़ा स्टेज बनाया गया है।
- इसी पर पूजा-पाठ के बाद लोगों के बीच 66 किलो लड्डू बांटा जाएगा। बीजेपी के एक लोकल लीडर अशोक कुमार यादव ने बताया कि मोदी के जन्मदिन पर बड़ी संख्या में लोगों को मिठाइयां बांटी जाएंगी, जिसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
दिल्ली में केक का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ने की तैयारी
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली में एक एनजीओ शक्ति फाउंडेशन ने मोदी के बर्थडे के लिए एक बड़ा-सा केक बनाया है। एनजीओ का मकसद दुनिया के सबसे बड़े केक का रिकॉर्ड तोड़कर गिनीज बुक में नाम शामिल कराना है।
- इससे पहले सबसे बड़ा केक पोलैंड के रेसजो इंटरनेशनल फेयर में 21 मई, 2011 को काटा गया था। इसकी ऊंचाई 1.74 मीटर और वजन 720.8 किलो था।
- केक से मोदी के कैम्पेन 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का संदेश दिया जाएगा। इसमें करीब 5 हजार महिलाओं-लड़कियों के शामिल होने की संभावना है।

गुजरात में बन सकते हैं ये रिकॉर्ड
- मोदी के बर्थडे पर शनिवार को नवसारी में एक खास प्रोग्राम ऑर्गनाइज किया गया है।
- इस प्रोग्राम में 11 हजार दिव्यांगों को इनवाइट किया गया है। इन सभी लोगों को मोदी इक्विपमेंट्स और किट्स गिफ्ट करेंगे।
- माना जा रहा है कि 11 हजार दिव्यांगों को एक साथ कभी इतने उपकरण गिफ्ट नहीं किए गए। इस लिहाज से मोदी नया गिनीज रिकॉर्ड बना सकते हैं।
- दो और रिकॉर्ड्स बन सकते हैं। 1000 दिव्यांग इतने ही दीपक एक साथ जलाएंगे। 1000 दिव्यांगों को व्हील चेयर्स दी जाएंगी।
- इसके पहले अमेरिका में 346 लोगों को एक साथ व्हील चेयर्स दी गई थीं। शनिवार को ये रिकॉर्ड टूट सकता है।

मुलायम सिंह के दखल के बाद माने अखिलेश यादव, चाचा शिवपाल यादव को लौटाएंगे तीन मंत्रालय

लखनऊ: सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव द्वारा दखल दिए जाने बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव नरम नजर आए. शाम को उन्होंने एक ट्वीट करते हुए चाचा शिवपाल यादव को तीन महत्वपूर्ण मंत्रालय देने की बात कही जो उनसे पिछले हफ्ते छीन लिए थे.


इतना ही नहीं, गायत्री प्रजापति की भी वापसी हो गई है. पिछले हफ्ते भ्रष्टाचार के आरोप में उनसे छीना गया मंत्रालय वापस लौटा दिया जाएगा. प्रजापति को मुलायम सिंह और शिवपाल यादव का करीबी माना जाता है.

इससे पहले, दोपहर को मुलायम सिंह, शिवपाल यादव और अखिलेश यादव ने 30 मिनट तक मुलाकात की थी. इसके बाद सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह ने कहा था कि पार्टी में मतभेद नहीं हैं, हम सब साथ हैं. मेरे रहते पार्टी में फूट नहीं हो सकती, हालांकि परिवार में कभी-कभी मतभेद हो जाता है.

मुलायम ने आगे यह भी कहा था कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मेरी बात कभी नहीं टालेंगे. अखिलेश-शिवपाल-रामगोपाल में कोई झगड़ा नहीं है. उन्होंने यह भी साफ किया था कि गायत्री प्रजापति फिर मंत्री बनेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई रद्द कर दी गई है.

वहीं, एनडीटीवी से अखिलेश यादव ने कहा कि पिता को खुश रखने के लिए सब कुछ करूंगा. बतौर सीएम, बतौर पुत्र मुझ पर जिम्मेदारी है. मैं पार्टी अध्यक्ष की बात का सम्मान करूंगा.  इससे पूर्व मुलायम सिंह यादव ने आज शिवपाल यादव का यूपी अध्यक्ष पद से इस्तीफा नामंजूर कर दिया था. मुलायम सिंह यादव ने आज अखिलेश यादव और शिवपाल से मुलाकात भी थी.

Thursday, September 15, 2016

अखिलेश यादव को पार्टी प्रदेश अध्‍यक्ष पद से हटाना गलती, अंतिम फैसला मुलायम लेंगे : रामगोपाल यादव

नई दिल्‍ली: मुलायम परिवार की कलह अब तक नहीं सुलझ सका है. मुलायम सिंह यादव अब अपने मुख्यमंत्री बेटे अखिलेश यादव को मनाने खुद दिल्ली से लखनऊ से लिए निकल चुके हैं. परिवार मे चल रही कलह पर रामगोपाल यादव ने भी आज मुहर लगा दी. उन्होंने कहा है कि सीएम को अध्यक्ष पद से हटाना नेतृत्व की ग़लती रही. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से कह देते कि इस्तीफ़ा दे दें...तो शायद ये ग़लतफ़हमी न होती. उन्होंने ये भी कहा कि शिवपाल यादव से छीने गए तीन मंत्रालय उन्हें लौटाने या गायत्री प्रजापति और राजकिशोर सिंह को दोबारा मंत्री बनाने के लिए अखिलेश यादव अभी तैयार नहीं हैं.


मुझे यूपी का अध्‍यक्ष नेताजी ने ही बनाया : शिवपाल यादव
इसी बीच, शिवपाल यादव ने कहा कि मुझे यूपी का अध्यक्ष नेताजी ने बनाया है और अखिलेश को उन्हीं ने हटाया है. 2017 में हमें सरकार बनानी है. मुझ पर संगठन मजबूत करने की जिम्मेदारी है. नेताजी जो जिम्मेदारी देंगे, वह निभाऊंगा. इसके साथ ही शिवपाल ने कहा कि अमर सिंह को मुलायम ही लाए थे.

यादव परिवार में कोई कलह नहीं है : रामगोपाल यादव
समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव ने पत्रकारों से कहा कि 'परिवार में कोई कलह नहीं है. अगर कोई विवाद है तो वो दूर हो जाएगा'. उन्‍होंने कहा कि 'अगर सीएम खुद फैसले लेते हैं, तो वह अस्‍वाभाविक नहीं. थोड़ी से गलतफहमी हुई'. मीडिया से मुखातिब होते हुए रामगोपाल यादव ने कहा कि 'कुछ लोग नेताजी की सरलता का लाभ उठाते हैं. ऐसे लोग जिनको पार्टी के हित से कोई लगाव नहीं, ऐसे लोग पार्टी का नुकसान कर देते हैं, नेताजी की सरलता का फायदा उठाते हैं. कल यही बात अखिलेश यादव ने अप्रत्‍यक्ष तौर पर कही'.

अंतिम फैसला मुलायम सिंह यादव को ही लेना है : सपा महासचिव
यादव परिवार में कथित अलगाव से पार्टी के नुकसान होने के सवाल पर उन्‍होंने कहा कि 'यह चुनाव का वक्‍त है और हर वक्‍त हस्‍तक्षेप सीएम थोड़े ही बर्दाश्‍त करेंगे'. हालांकि उन्‍होंने कहा, अखिलेश किसी से नाराज नहीं हैं. एक्‍शन कही से शुरू होता है, तो कही से रिएक्‍शन जरूरत होता है. ऐसा स्‍वाभाविक है. रामगोपाल यादव ने कहा कि 'अखिलेश और मुलायम यादव की जल्‍द बातचीत होने की संभावना है, जिसका इंतजार है. अंतिम फैसला मुलायम सिंह यादव को ही लेना है'. ज्‍यादातर फैसले नेताजी की राय से ही होते हैं.

उधर, अखिलेश यादव द्वारा हाल ही में कैबिनेट मंत्रियों गायत्री प्रजापति और राजकिशोर को बर्खास्त कर दिए जाने के मुद्दे पर रामगोपाल ने यह भी कहा कि 'अगर मैं मुख्‍यमंत्री होता तो राजकिशोर को नहीं निकालता'.

कुछ फैसले ऐसे हो जाते हैं, जिससे लोगों को लगता है कि पार्टी में दिक्‍कत है : रामगोपाल
इससे पहले रामगोपाल यादव ने कहा कि 'कई बार ऐसा होता है कि कुछ फैसले हो जाते हैं, जिससे लोगों को लगता है कि पार्टी में कोई दिक्‍कत है. ऐसा सभी पार्टियों में किसी न किसी परिस्थिति के कारण हो जाता है. मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने जो भी फैसले लिए, ज्‍यादातर पार्टी अध्‍यक्ष के कहने पर हुए और कुछ फैसले, जैसा कि उन्‍होंने कहा, खुद लिए. उत्‍तर प्रदेश जैसे राज्‍य का चीफ मिनिस्‍टर अगर कोई फैसले अपनी तरफ से लेते हैं, तो कोई अस्‍वाभाविक बात नहीं है. किसी मामूली प्‍वाइंट पर अगर कोई अंतर हो जाता है तो उसका समाधान भी हो जाता है. सीधी सी बात है कि मुख्‍यमंत्री (अखिलेश यादव) को जब पार्टी अध्‍यक्ष पद से हटाया गया, तो नेतृत्‍व से थोड़ी से जान-बूझकर न सही, लेकिन इतनी गलती हो गई कि उनसे अगर इस्‍तीफा मांग लेते तो वो इस्‍तीफा दे ही देते. इससे कोई समस्‍या ही नहीं होती. इस चक्‍कर में थोड़ी से गलतफ़हमी हुई और कोई बात नहीं. शिवपाल यादव के विभाग उन्‍हें वापस दिए जाएंगे या नहीं, इस मसले पर अभी इसलिए नहीं कह सकते क्‍योंकि मुख्‍यमंत्री से भेंट नहीं हुई है, लेकिन सुधार करने की कोशिश की जाएगी'.

मुलायम सिंह यादव का ही कहा मानूंगा : शिवपाल यादव
उधर, अहम मंत्रालय छीने जाने के बाद से नाराज़ चल रहे यूपी के मंत्री शिवपाल यादव का कहना है कि पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ही उनके नेता हैं और वह उनका कहना मानेंगे. शिवपाल ने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी में सब कुछ ठीक चल रहा है और पार्टी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में मिलकर चुनाव लड़ेगी.

इससे पहले बुधवार को उन्होंने कहा था कि वह इस्तीफा नहीं देंगे. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के साथ लंबी चली मीटिंग के बाद शिवपाल यादव ने कहा कि नेताजी ने उन्हें यूपी इकाई का अध्यक्ष बनाया है और वह इस ज़िम्मेदारी को निभाएंगे. शिवपाल ने यह भी कहा कि वह ज़िम्मेदारी से ख़ुश हैं और उन्हें बड़ा पद मिला है.

वहीं, सीएम अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा था कि झगड़ा परिवार का नहीं सरकार का है. अखिलेश ने यह भी कहा था कि झगड़ा बाहर के लोग करवा रहे हैं. 'परिवार में नेता जी की बात मानते हैं. नेताजी की बात कौन नहीं मानेगा. सरकार में कोई झगड़ा नहीं है. परिवार में नेताजी की बात सबसे ऊपर है'. उन्होंने यह भी कहा कि मैंने कुछ फैसले अपने आप लिए हैं. कुछ फैसले नेताजी के कहने पर भी लिए हैं.

परिवार को कहा गया, लापता हुए एन-32 विमान के सभी लोगों को मृत मान लिया जाए : सूत्र

नई दिल्ली: 22 जुलाई को लापता हुए भारतीय वायुसेना के AN32 विमान के मलबे का अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है. अब सरकार के सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि सरकार ने विमान के साथ लापता लोगों के परिवार को कह दिया है कि वे लोग मृत मान लिए जाएं. परिवार को लोगों को कह दिया गया है कि वे इंश्योरेंस से जुड़े काम और अन्य प्रशासनिक काम के लिए आगे बढ़ सकते हैं.


यह विमान 22 जुलाई को लापता हो गया था और इसमें 29 लोग सवार थे. सैटेलाइट से हासिल तस्‍वीरों में कुछ चीज तैरते दिखने की ओर संकेत किया गया है, लेकिन अब तक ऐसा कुछ नहीं मिला है.

बता दें कि विमान ने 22 जुलाई को चेन्‍नई के नजदीक तांबरम एयरबेस से सुबह 8:30 बजे उड़ान भरी थी और इसे 11:45 बजे पोर्ट ब्‍लेयर पहुंचना था. लेकिन करीब 9:12 बजे यह रडार से गायब हुआ था. टेक ऑफ के करीब 16 मिनट बाद  8:46 बजे इसका अंतिम रेडियो संपर्क हुआ था, इस समय पायलट ने सारी चीजें सामान्‍य होने की बात कही थी.

जानकारी के लिए बता दें कि 1999 में भारतीय वायुसेना का एएन32 विमान दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरने से ठीक पहले क्रैश हो गया था, जिसमें 21 लोगों की मौत हुई थी. भारतीय वायुसेना में इस वक्त 100 से भी ज़्यादा रूस निर्मित एएन32 विमान सेवारत हैं. इन विमानों की खासियत है कि यह चार घंटे तक दोबारा ईंधनभरे बगैर भी उड़ सकते हैं और यह हर मौसम के लिए उपयुक्त होते हैं.

बीजेपी सांसद और बॉलीवुड एक्टर परेश रावल ने शहाबुद्दीन की रिहाई को लेकर नीतीश कुमार पर किया हमला

नई दिल्ली: बिहार के बाहुबली नेता और आरडेडी के पूर्व सासंद मोहम्मद शहाबुद्दीन को बेल और 11 साल बाद जेल से रिहाई के बाद से लगातार बिहार सरकार और राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर राज्य की बीजेपी के साथ-साथ कई राष्ट्रीय दलों के नेताओं ने भी हमले किए हैं.


ताजा हमला बीजेपी के सांसद और बॉलीवुड एक्टर परेश रावल की ओर से आया है. परेश रावल ने आरजेडी के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन की रिहाई के लिए राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है और सीधा निशाना नीतीश कुमार पर दागा है. एक ट्वीट के जरिए उन्होंने कहा, 'जिस राज्य के CM के लिये इशरत जहां बेटी के समान हो वहाँ शहाबुद्दीन का खुला घुमना तो आम बात है!'

उल्लेखनीय है कि आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के लिए कथित तौर पर काम करने वाली इशरत जहां का गुजरात में एनकाउंटर कर दिया गया था. इस एनकाउंटर को कुछ लोगों ने फर्जी करार दिया और कई सालों से इस मामले की जांच जारी है. देश की आईबी इशरत जहां को आतंकी बता चुकी है. सुप्रीम कोर्ट में भारत सरकार के हलफनामे में बदलाव की बात भी सामने आई. इस मामले में आरोप-प्रत्यारोप का दौर अभी भी जारी है.

बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार पर यह आरोप लगा कि उन्होंने इशरत जहां को बिहार की बेटी कहा था. ये अलग बात है कि इसी साल फरवरी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार साफ कहा कि उन्होंने इशरत को कभी भी बिहार की बेटी नहीं कहा और सफाई दी कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया.

राज्य में वर्तमान में जेडीयू और लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी)  की गठबंधन सरकार है. आरोप है कि शहाबुद्दीन की रिहाई के लिए रास्ता आसान करने की नीयत से बिहार सरकार ने एक मामले में जांच समय पर पूरी नहीं की और न ही समय पर चार्जशीट दायर की.

शर्मनाक : बिहार पुलिस ने शव को रस्सी से बांधकर काफी दूर तक घसीटा

वैशाली: बिहार के वैशाली में एक इंसानियत पर सवाल खड़े करने वाली घटना सामने आई है. यहां पुलिस ने एक शव के गले में रस्सी बांधकर काफी दूर तक खींचा. जिस दौरान यह वाकया हुआ उस दौरान वहां बड़ी तादाद में आम लोग भी मौजूद थे. लोगों के विरोध के बाद ही पुलिस ने यह कार्य रोका.  इस शव को गंगा नदी में कुछ गांव वालों ने देखा था. सूचना देने के 2 घंटे बाद पहुंची पुलिस ने शव को नदी से बाहर निकाला.


एम्बुलेंस और किसी अन्य कर्मचारी के न होने की सूरत में पुलिसवालों ने शव के गले में फंदा डालकर नदी किनारे से लेकर गाड़ी तक कई मीटर शव को घसीटते हुए ले गए.

वीडियो में दिखाई दे रहा है कि जब पुलिसवाले शव को घसीट रहे थे तो वहां काफी संख्या में लोग मौजूद थे.यह वीडियो सामने आने के बाद दो पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया गया है.

वैशाली में पुलिस द्वारा शव के साथ ऐसे व्यवहार की यह कोई पहली घटना नहीं है. इसी जिले में कुछ साल पहले कई पुलिसवालों पर कार्रवाई की गई थी, जिसमें उन पर भीड़ द्वारा मारे 10 लोगों के शवों को नदी में फेंकने का आरोप लगा था, जबकि पुलिसवालों ने इन शवों के अंतिम संस्कार का दावा किया था.

पिछले ही महीने एंबुलेंस न मिलने की वजह से ओडिशा में एक शख्स के अपनी पत्नी के शव को कंधे पर रखकर कई किलोमीटर पैदल चलने की खबर आई थी. इस घटना ने देश को शर्मसार कर दिया था. दाना मांझी के मुताबिक एम्बुलेंस ने शव को गांव तक ले जाने के लिए मना कर दिया गया था, इसलिए उन्होंने पत्नी के शव को पैदल ही ले जाने का फैसला किया.

 
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