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Sunday, February 12, 2017

अंधविश्‍वास पर विश्‍वास: आखिर पिछले 28 वर्षों से कोई भी CM नोएडा जाने से क्‍यों हिचकते हैं?

नई दिल्‍ली: चुनाव आते ही नेताओं के अंधविश्‍वास पर विश्वास की खबरें भी सुर्खियों में आने लगती हैं. मसलन यूपी से सटे नोएडा में पिछले 28 साल से राज्‍य के मुख्‍यमंत्री नोएडा नहीं जाते. नोएडा के सारे उद्घाटन लखनऊ से करते हैं. 1989 में एनडी तिवारी गए, उसके बाद उनकी कुर्सी चली गई. इसी वहम की वजह से राजनाथ सिंह ने 2001 में नोएडा फ्लाईओवर का उद्घाटन दिल्‍ली छोर से किया. 2006 में मुलायम सिंह के मुख्‍यमंत्री रहते निठारी कांड हुआ...आंदोलन हुआ. सरकार हिल गई लेकिन नोएडा नहीं गए. 2011 में मायावती नोएडा गईं तो 2012 में चुनाव हारकर सत्‍ता से बाहर हो गईं.


इसी वहम की वजह से ही अबकी बार अखिलेश यादव ने पहले चरण के बजाय पांचवें चरण से चुनाव प्रचार शुरू किया. लिहाजा सुल्‍तानपुर से मंगलवार के दिन उन्‍होंने चुनावी अभियान का आगाज किया. हालांकि पहले चरण में चुनाव पश्चिमी यूपी में होने थे लेकिन ज्‍योतिष के 'दिशा शूल' नियम के मुताबिक मंगलवार को शुभ काम के लिए पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करते. ये भी कहा जाता है कि 2012 में यहीं से प्रचार शुरू कर अखिलेश सत्‍ता में आए. लिहाजा मंगलवार को अपनी पहली चुनावी रैली यहीं की. भले ही चुनाव यहां पांचवें चरण में हो.

इसी तरह कुछ समय पहले लखनऊ में बीजेपी दफ्तर में एक बहुत पुराना पेड़ आंधी में गिर गया तो लोग खुश हुए. ऐसा वहम था कि पेड़ की वजह से सामने विधानसभा नहीं दिखती इसलिए पार्टी पिछड़ी है. कांग्रेस दफ्तर को लेकर वहम है कि वहां जो अध्‍यक्ष पुताई कराता है उसकी कुर्सी चली जाती है. 1992 में महावीर प्रसाद, 1995 में एनडी तिवारी, 1998 में सलमान खुर्शीद और 2012 में रीता जोशी सब पुताई के बाद ही हटे थे. वहम की वजह से कांग्रेस दफ्तर में अशोक के पेड़ बड़े होते ही काट देते हैं. इस संबंध में यहां के कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि अशोक का पेड़ अगर बिल्डिंग की छत से ऊंचा हो जाए तो ये बहुत अपशकुन माना जाता है.

इसी तरह चित्‍तू पांडे ने जंगे आजादी लड़ी और बलिया को अंग्रेजों से आजाद कराकर वहां जनता की सरकार बना दी थी. लेकिन वहम है कि जो नेता उनकी मूर्ति को माला पहनाएगा उसकी कुर्सी जाएगी. इंदिरा गांधी ने मूर्ति का अनावरण किया तो मारी गईं...राजीव गांधी ने मूर्ति को माला पहनाई तो उनकी हत्‍या हुई. जैल सिंह ने माला पहनाई तो उन्‍हें दिल का दौरा पड़ा. इस मामले में बलिया के स्‍थानीय लोगों का कहना है कि बच्‍चे-बच्‍चे की चित्‍तू पांडे में अपार श्रद्धा है लेकिन अंधविश्‍वास के कारण कोई उधर से नामांकन करने के लिए नहीं जाता. कोई राजनीतिक दल अपनी पार्टी का कार्यक्रम वहां नहीं करता क्‍योंकि शुभ कार्य करते समय लोग उधर से आना-जाना पसंद नहीं करते.

Friday, September 16, 2016

नोएडा के ट्रैफिक सिस्टम में सुधार के लिए बनाया मास्टर प्लान

नोएडा: नोएडा ट्रैफिक सेल (एनटीसी) ने शहर की सड़कों पर लग रहे ट्रैफिक जाम को दुरुस्त करने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। इसके लिए शहर की उन 23 सड़कों आैर चौराहों को चिंहित किया जाएगा। जिसमें देखा जाएगा कि आखिर ट्रैफिक जाम होने के क्या कारण हैं, ताकि लोगों को जाम फ्री सफर का आनंद ले सकें। आपको बता दें कि 12 सितंबर को नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन ने एक समिति बनाने का निर्देश दिया था। जिसमें ट्रैफिक का सर्वे कर रिपोर्ट डीएम को सौंपने को कहा गया था। जिसके बाद नोएडा अथाॅरिटी आैर एसएसपी की आेर से काम करना शुरू कर दिया गया है।


10 दिन में देनी है रिपोर्ट
इस बारे में नोएडा अथाॅरिटी के डीसीर्इआे सौम्य श्रीवास्तव ने बताया कि हमारी आेर से पहला कदम नोएडा कि सड़काें पर ट्रैफिक जाम होने के कारणों को समझना हाेगा। हमारी आेर से इस पर अध्ययन करना शुरू कर दिया गया है। इसकी 10 दिन में रिपोर्ट दी जानी है। नोएडा ट्रैफिक सेल के अधिकारियों की मानें तो उनका उद्देश्य केवल नोएडा के निवासियों, काम करने वाले लोगों आैर यहां आने वाले लोगों को ट्रैफिक जाम मुक्त सड़क देना है।

इन बातों का किया जाएगा अध्ययन
सौम्य श्रीवास्तव ने बताया कि प्राधिकरण के इंजीनियर्स, एनटीसी अधिकारी आैर ट्रैफिक पुलिस मिलकर 23 चौराहों आैर उन सड़कों अध्ययन करेगी जहां पर ट्रैफिक जाम होता है। अधिकारी वहां पर पीक आॅवर्स में व्हीकल की संख्या, नाॅन पीक आॅवर्स में व्हीकल की संख्या देखेंगे। साथ ही वीक डेज के साथ उन चौराहों पर हाॅलीडे के दिन वहां पर कितना ट्रैफिक रहता है इस बात का भी अध्ययन किया जाएगा, ताकि अधिकारियों को पता चल सके कि आखिर ट्रैफिक जाम का मुख्य कारण क्या है। अधिकारियों की मानें तो यहां पर इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि किस समय में हैवी व्हीकल सबसे ज्यादा निकलते हैं।

इन मुख्य चौराहों पर होगी नजर
नोएडा ट्रैफिक सेल के अधिकारियों की मानें तो उनकी आेर से इसके साॅल्यूशन देने पर ध्यान होगा। फिर चाहे सिविल इंजीनियरिंग तरीके से हो या फिर ट्रैफिक इंफोर्समेंट के तरीके से हो, ताकि नोएडा की सड़कोें पर ट्रैफिक पूरी तरह से स्मूद हो सके। आपको बता दें अधिकारी जिन चौराहों पर काम कर रहे हैं उनमें से एनआर्इबी चौराहा, सेक्टर- 12-22-56 चौराहा, नोएडा का एंट्री प्वाइंट सेक्टर- 14ए, फिल्म सिटी के पास शाहदरा ड्रेन, बोटेनिकल मैट्रो स्टेशन, आेखरा बैराज एंट्री प्वाइंट, मोडल टाउन चौकी, सेक्टर-51-71-52-72 चौराहा आैर सिटी सेंटर चौराहा आदि प्रमुख हैं।

Wednesday, September 14, 2016

पेट्रोल पंंपो पर पर्ची के साथ अब मोबाइल पर मिलेगी पूरी जानाकरी

नोएडा :  पेट्रोल पंपों पर अब पेट्रोल भरवाने के बाद आपको पर्ची क साथ मोबाइल पर भी एसएमएस आएगा। तीन महीने के ट्रायल के बाद यह कंपनी योजना लागू कर दी गई है। पेट्रोल भरवाने के बाद आपको अपना फोन नंबर आपरेटर को देना होगा। जिसके महज कुछ सेकेंड में ही आपने मोबाइल पर एसएमएस आ जाएगा।


एसएमएस में कितने रुपए का पेट्रोल व कितने लीटर पेट्रोल आपकी गाड़ी में भरने के साथ पेट्रोल पंप संबंधित सभी डिटेल आ जाएगी। संचालकों का मानना है कि इस योजना से भष्ट्राचार में कमी आएगी। पहले चरण में यह सेवा ऑटोमेटिड पेट्रोल पंप पर लागू हुई है।

शहर में 50 से ज्यादा पेट्रोल पंप है। यह योजना सिर्फ इंडियन ऑयल के पेट्रोल पंपों पर लागू हुई है। योजना के तहत एक एप भी लांच किया गया है। जिसका नाम स्पर्श है। इस एप के जरिए उपभोक्ता अपना नंबर रजिस्टर्ड भी करा सकता है। जिसमें आपनी गाड़ी की पूरी डिटेल भी होगी। ऐसे में पेट्रोल पंप आपरेटर के नंबर देने पर प्राप्त एसएमएस में आपकी भी डिटेल आ जाएगी। इंडियन ऑयल सीनियर आफिसर अनुराग तिवारी ने बताया कि इसके जरिए भ्रष्टाचार पर लगाम लग सकेगी। दरअसल, देखा गया है कि बड़े वाहनों में डीजल या पेट्रोल भरवाने के लिए मालिक की जगह ड्राइवर आते है। वह तेल कम और पर्ची ज्यादा बनवा लेते है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। मालिक का नंबर डालते ही ऑटोमेटिक ही उसके फोन पर इंडियनऑयल का एसएमएस आ जाएगा। जिससे उसे जानकारी मिल सकेगी।

एप से होगा फायदा
गाड़ी चोरी होने के बाद यदि आपका नंबर एप में रजिस्टर्ड है तो वह नंबर डालते ही इंडियन ऑयल के सभी पेट्रोल पंपो पर आपका गाड़ी नंबर पहुंच जाएगा। जिससे आसानी से चोर को पकड़ा जा सकेगा।

नीदरलैंड से लिया आइडिया नोएडा में हो गया फेल, करोड़ों के ट्रैक पर कोई नहीं कर रहा सैर

उत्तर प्रदेश के निवासियों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने के लिए शासन ने कई शहरों में साइकिल ट्रैक लगाने का बीड़ा उठाया। नीदरलैंड से आइडिया लाकर नोएडा सहित कई अन्य शहरों में काम शुरू कराया गया। नोएडा में प्राधिकरण ने बेहद खूबसूरती के साथ साइकिल ट्रैक भी बिछा दिया, लेकिन आलम यह है कि करोड़ों का साइकिल ट्रैक एक अदद साइकिल सवार के लिए तरस रहा है। यही नहीं प्रदूषण के बढ़ते प्रभाव के बाद साइकिल चलाने की अपील भी यहां काम नहीं आई।



सेक्टर-62 में नोएडा प्राधिकरण की ओर से कई ब्लॉक में साइकिल ट्रैक बिछा दिया गया है। बेहद खूबसूरत और सुर्ख लाल ट्रैक बिछा होने के बावजूद साइकिल सवार मुख्य सड़कों से ही निकलते देखे जा सकते हैं। सेक्टर-63 की एक कंपनी में काम करने वाले साइकिल सवार राजेंद्र से जब इस बारे में पूछा गया तो उनका कहना है कि मुख्य सड़क खाली थी, लिहाजा यहीं से निकल रहे थे। वहीं, एक अन्य साइकिल सवार प्रमोद ने बताया कि चौराहे पार करने के दौरान साइकिल ट्रैक पर चलना मुश्किल होता है, इसलिए वह मुख्य सड़क से जा रहा है।

 
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